रउवा सब जानते बानी की पूरा बिहार आ आधा उत्तर प्रदेश में चुरा दही के चलन बा आजकल इ देश में हर जगह मिल जाला बाकी हमारा ख्याल से इ खाना बिहार के ही देन ह, जब हम छोटहन रहीं अपना गाँव में सब कोई के ढेंका ( लकड़ी के बनावल धान कुटेवाला ) से चुरा कूटत देखले बानी मील त हमारा होश भईला प आइल रहे हमनी के गाँव में I
बनावे के तरीका.............
अगर रउवा ताज़ा धान ( शीधा खेत से काटल ) के चुरा बनावल चाहत बानी त धान के बढियां के पिट के साफ़ कर लीं आ अपना खाए के हिसाब से एगो प्लास्टिक ( टाट के ना ) के बोरी में डाल के एक घंटा खातीर रख दीं फिर ले जाईं मील में चुरा कुटा लाईं, ताज़ा धान के चुरा में मिठास होखेला एकरा के बीना दही आ गुड़ के भी खा सकत बानी I
पुरान धान जईसे काट पिट के रखल होखे ओकर चुरा कुटावे खातीर रउवा धान के अपना खाए के हिसाब से लगभग १५-१६ घंटा खातीर पानी में फुलावे पड़ी, धान फुल जाये त पानी से निकाल के धान के घामा में डाल दीं आ १०-१५ मिनट बाद चलावत रहीं ओहसे धान के ऊपर के पानी सुख जाई फीर एगो प्लास्टिक के बोरी में रखीं आ १/२ घंटा बाद चुरा कुटा लाईं I
खाए के तरीका........
अईंसे त खाए के तरीका बतावे के जरुरत नईखे बाक़ी हमनी के गाँव में कईसे खाईं लेसअ उ हम बतावत बानी I
दही के साथे - चुरा के पहीले पानी से बढीयां से धो लीं ओ़करा बाद मीठा ( गुड़) के बारीक तुर लीं आ जामल दही गुड़ के साथ चुरा में मीला के खाईं I
भूंज के - चुरा के अपना खाए के हिसाब से साफ करके रख लीं, प्याज, हरियर मिरचाई, अदरख के बारीक काट लीं, अब एगो कराही में चुरा के हिसाब से तेल चाहे घी डाल दीं, गरम हो जाये त प्याज मिर्ची अदरख के डाल के हल्का लाल होखे तक ओके भूंजी, लाल हो गईला के बाद चुरा, हो सके त चुरा के साथ थोडा बादाम काट के चाहे मूंगफली के दाना भी डाल सकत बनी, दाल दी आ चूर चुरा होखे तक भूंजी, भूंज गईला के बाद उतार दीं हरियर धनियाँ काट के डालीं ठंडा करके खाईं, मजा आ जाई I