एहिजा हम कुछ नाया नईखी लिखत इ त सब केहू कहला आ जनता, की अगर रउवा केकरो से इ पुछब की का हो का हाल चाल बा...? त उ इहे कहिहे की सब ठीक बा..! चाहे उनकर हाल ठीक होखो भा मत होखो, ओसहि दुनियाँ में हर कोई एहे कहला की हमार माई बाबूजी दुनियाँ के हर माई बाबूजी से बढियाँ आ अच्छा बाङन, आ होखबे करsले, माई बाबूजी के कर्ज आ उनकर कइल धइल एक जनम में कोई भी ना चूका सकला I हमरा हिसाब से मतारी बाप त अपना औलाद खातिर कभी कुछ गलत ना सोचस, भा करस कभी-कभी गलती से कुछ गलती होइओ जाए तबहू उ लोग अपना लाइन रास्ता से ठीके रहलन I इ हमार तजुर्बा, अनुभव बाटे इ एगो ख़ास आ बड़का आशीर्वाद होला भगवान् के तरफ से मतारी बाप खातिर, इ बाद के बात बा आ हमनी प निर्भर करता की हमनी केतना उनका के गलती ठहरा के केतना प्रताड़ित करत बनी जा आ केतना सजा आ दुःख देत बानी जा I कोई भी होखे हम, रउवा, चाहे कोई अउर गृहस्थ जीवन में आके लोग-लईका होखला के बाद का कोई भी अपना औलाद के बारे में कुछ गलत करे, बोले के दूर सोचिओ नइखे सकत, पुत कपूत हो जास त उनका मारे खीस के जबान से जरुर कुछ उल्टा पलटा निकले लागे बाकी दिलवा में उ हमेसा उनकर संतान बनल रहिहे I
आज के महंगाई, मउगीयन के चतुराई, भाईयन में लड़ाई आ हिस्सा बखरा के बटाई के चलते माई बाबूजी के लोग अपना जिम्मेदारी से अलग जरुर कर देत बाड़े, इहे कारने दुनिया में कई गो बृद्धा आश्रम चलत बाटे खैर इ त दुनियाँ दारी बाटे जी जे अपना माई बाप के साथे अइसन करता उहो अपना जगह समझदार बा बाकी कभी कभी उनकरो के समझावल मुस्किल हो जाला जेअपना जगह प ठीक रहता फिर भी मतारी बाप के नजर में गलत हो जाला I