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14/09/2007 17:06
जनम भइल बा देहरादून में अम्हारुहाँ आरा में बा अवाश !
कह नईखी सकत हम बीतल बचपन के बारे में कुछ ख़ास !!
भेजे लगले बाबूजी पढ़े लिखे के रख दील्वा में कुछ आश !
चढ़ल जवानी त मन उडे लागल छुवे के चाहीं अब आकाश !!
देख प्रीतीया भावुक के अब मनवा बहकी ना केकर !
भावुक कहलन तू मान जा बाबू इ...
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14/09/2007 16:10
सी एम् के आवास में आईल एगो बड़ा ही अनोखा केश !
पुछली मेहरारू मरद से अपना अकल बड की भैंस !!
अमंगल भवन में मंगल हारी, सुनहु प्रीये भईस सब प भारी !
भईस अब ना खाए चारा, तबहू पांच सेर हम दूध नीकारी !!
केहू के अकल इ ना कर पावे, खुद खाए चारा तबहू दूध बनावे !
अकल घास जब चरण जाये, हार जाए नेता...
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11/09/2007 16:25
नमो नमो घरवाली महारानी !
तोहरे महीमा न जाने राजा न रानी !!1!!
हम समझनी की तू हउ बड़ा अबला !
बाकी तू त बाङु सबसे बाला !!2!!
जहीआ तोहरे हाथ में बेलन आई!
ओह दीन घरवाला खूब चिल्लाई !!3!!
भर पलंग गोड़ पसर के सुते !
भुईयां बईठ के घरवाला रोवे !!4!!
तोहरे से त घर बा मथुरा अउर कशी !
तोहरे से ही घर...
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18/08/2007 10:42
का कही कहाते नईखे कहला बीना अब रहाते नईखे !
बैलवा से हर खीचाते नईखे गरम कदइ में चलल जाते नईखे !!
इन्द्र भगवान् भईलन नाराज अईसन !
जरावल चुल्हा से हङीयाँ उतार लेली सास जईसन !!
मउगी मांगेली बनीहारी मुखीया के घोटाला जईसन !
कहेली धान रोपाई ना त मल्कीनी खईहन कईसन...
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18/08/2007 10:41
आईल जब पश्चीम से टीवी, बीवी के डीजाईन बदल गईल !
देखा२ के फैशन फीलीम, साड़ी छोड़ जींस मील गईल !!
चले लगली बीन अंचरा ओढ़नी, के सब कुछ खुला हो गईल !
बब कट में बाल कटवली, इन्ग्लीश्तानी चाल हो गईल !!
कुवांर में खाली कपड़ा पेन्हे, ओकरा नाक छोड़ ढोढी में छेद बा !
आईत ना जब पश्चीम से टीवी त के कहीत...
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22/04/2007 16:44
दीवाली आवेला लोग खुशियाँ मनावेला ,
घर के सजावेला दिया भी जरावेला ,
आतिशबाजी के आनंद सब कोई उठावेला,
और दीवाली चल जला..................,
वर्ष-दर-वर्ष इहे चक्र दोहरावल जाला ,
दीवाली के प्रयोजन लोग के सम्झावल जाला,
पर लोग भूल जला दीवाली के अशली अर्थ,
जीवन में लोग करत रहलन यदा कदा अनर्थ,
दीया अपना घर...
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